बीजेपी नेता जुगल किशोर का इंटरव्यू: दलित. राजनीति, सरकार पर बेबाक राय

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों दो मुद्दे छाए हुए हैं – पहला, सीमापार आतंक के खिलाफ भारत की सख्त सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’, और दूसरा, गांव-गांव में जोर पकड़ता पंचायत चुनावी माहौल। इन दोनों के बीच दलित और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका बेहद निर्णायक मानी जा रही है।

इन सबके बीच साक्षी चतुर्वेदी ने बातचीत की भाजपा के कद्दावर दलित चेहरे और पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर से, जो न सिर्फ भाजपा की नीतियों के वफादार प्रवक्ता हैं, बल्कि दलित समाज में अपनी गहरी पकड़ भी रखते हैं।

बातचीत में उन्होंने बेबाकी से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर किस तरह से देश की संप्रभुता की रक्षा करता है, कैसे विपक्ष इसके जरिए भ्रम फैला रहा है, और पंचायत चुनावों में भाजपा की रणनीति क्या होगी। साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि भाजपा धर्म या जाति के आधार पर नहीं, बल्कि विकास और भरोसे के आधार पर वोट मांग रही है

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Q1: “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर सरकार की मंशा को आप किस रूप में देखते हैं, क्या यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई है या इसके राजनीतिक संकेत भी हैं?

जवाब – जुगल किशोर:
“ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं है, ये भारत की संप्रभुता और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। लेकिन हां, इससे एक राजनीतिक संदेश भी जाता है – कि अब भारत चुप नहीं बैठता। विपक्ष जिस तरह इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ कह रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। देशहित के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”

Q2: कुछ वर्गों में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संदेह है, खासकर ये कहा जा रहा है कि इन मुद्दों के पीछे जमीनी समस्याएं छिपाई जा रही हैं। आप क्या कहेंगे?

जवाब – जुगल किशोर:
“मैं खुद दलित समाज से आता हूँ, और मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ कि सरकार दलित समाज की चिंता करती है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदम देश की सुरक्षा के लिए हैं, इनका दलित हितों से कोई विरोध नहीं है। हम शिक्षा, रोजगार और आवास जैसे मुद्दों पर लगातार काम कर रहे हैं।”

Q3: मुस्लिम समुदाय में भी आशंका है कि इस तरह की कार्रवाइयों के जरिए एक खास ध्रुवीकरण किया जा रहा है, खासकर पंचायत चुनाव से पहले। आपकी प्रतिक्रिया?

जवाब – जुगल किशोर:
“देखिए, सुरक्षा का कोई धर्म नहीं होता। मुस्लिम समुदाय भी इस देश का अभिन्न हिस्सा है। पीएम मोदी का नारा है – सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। पंचायत चुनाव में भी हमें मुसलमानों का पूरा समर्थन मिलेगा। हम किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ हैं।”

Q4: क्या ऑपरेशन सिंदूर पंचायत चुनाव के लिए ‘राजनीतिक हथियार’ बनता दिख रहा है? क्या बीजेपी इसे गांव-गांव तक पहुंचाएगी?

जवाब – जुगल किशोर:
“हम इस पर फूंक-फूंककर चल रहे हैं। ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, न कि चुनावी मुद्दा। लेकिन अगर विपक्ष इसे बदनाम करता है तो हमें जनता को सच्चाई बतानी होगी। गांव-गांव तक ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई भी जाएगी और केंद्र की नीयत भी।”

Q5: दलित और मुस्लिम मतदाता पंचायत चुनाव में किस दिशा में जा सकते हैं? क्या बीजेपी इन वर्गों को अपने पाले में ला पाने में सफल होगी?

जवाब – जुगल किशोर:
“बिलकुल। आज दलित और मुस्लिम वर्ग विकास देख रहा है – हर घर में शौचालय, गैस, आयुष्मान कार्ड, अब तो पीएम आवास भी मिल रहा है। हां, कुछ भ्रम फैलाने की कोशिशें हैं लेकिन हम जनसंपर्क और सच्चाई से उन्हें तोड़ेंगे।”

Q6: क्या आप पंचायत चुनाव में बीजेपी की स्थिति को लेकर आश्वस्त हैं, खासकर जब विपक्ष सामाजिक न्याय की बात कर रहा है?

जवाब – जुगल किशोर:
“हमारा सामाजिक न्याय ‘घोषणा पत्र’ में नहीं, ज़मीन पर दिखता है। हमने बिना भेदभाव के योजनाएं पहुंचाई हैं। ग्राम पंचायतों में हमारी जमीनी पकड़ मजबूत है और हमें पूरा विश्वास है कि पंचायत चुनाव में फिर से हमें भरपूर समर्थन मिलेगा।”

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जुगल किशोर का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर न तो सिर्फ सैन्य कार्रवाई है और न ही सिर्फ राजनीतिक हथियार। वे इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं और दावा करते हैं कि बीजेपी दलित और मुस्लिम वर्ग के साथ संवाद में है, और पंचायत चुनावों में इसका लाभ पार्टी को मिलेगा।

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